रेल बजट की प्रमुख बातें
Speech of the Minister for Railways 2014-15 (in Hindi) |
Speech of the Minister for Railways 2014-15 (in English) |
Rail Budget Highlights 2014-15 in Hindi |
Rail Budget Highlights 2014-15 in English |
1) रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने एफ़डीआई के ज़रिए रेलवे व्यवस्था में सुधार की बात कही. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के ज़रिए पैसा जुटाया जाएगा.
2) साल 2014-15 में पांच नई प्रीमियम रेल गाड़ियाँ चलाई जाएंगी. छह एसी एक्सप्रेस रेलगाड़ियां, 27 एक्सप्रेस और 8 पैसेंजर गाड़ियां चलाई जाएंगी.
3) रेल मंत्री ने कहा कि अगले पांच सालों में रेलवे के कामकाज को कागज रहित बनाया जाएगा. सभी प्रमुख स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा.
4) मुंबई-अहमदाबाद रेलमार्ग पर बुलेट ट्रेन चलाने का प्रावधान. रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए सभी ज़रूरी अध्ययन कर लिए गए हैं.
5) रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ़) में 17 हज़ार पुरुष जवानों की भर्ती की जाएगी. महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरपीएफ़ में चार हज़ार महिला कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी. साथ ही ट्रेन में चलने वाली आरपीएफ़ की टीम को मोबाइल फ़ोन दिए जाएंगे.
6)नौ रूटों पर 160-200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें चलाई जाएंगी.
7) ए-1 और ए श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर वाई-फ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान. साथ ही इंटरनेट के जरिए प्लेटफ़ार्म टिकट और अनारक्षित टिकट लेने की सुविधा शुरू की जाएगी.
8) कर्मचारी हित निधि का अंशदान प्रति व्यक्ति पांच सौ रुपए से बढ़ाकर आठ सौ रुपए किया गया.
9) रेल मंत्री ने कामकाजी लोगों के लिए ट्रेन में वर्क स्टेशन की सुविधा देने की घोषणा की है. इसके लिए यात्रियों से शुल्क लिया जाएगा. इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.
10) रेलवे के सभी विश्रामालयों की अब ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की जाएगी.
11) रेलवे स्टेशन पर सफ़ाई की ज़िम्मेदारी को आउटसोर्स किया जाएगा और पहले यह 50 रेलवे स्टेशनों पर किया जाएगा.
12) रेल मंत्री ने कहा कि 2013-14 में रेलवे ने एक रुपए का 94 पैसा रेल के परिचालन पर खर्च किया, जिसका मतलब है कि नई सुविधाओं के लिए केवल छह फ़ीसदी ही बचता है. उन्होंने कहा कि रेलवे की चालू परियोजनाओं के लिए पांच लाख करोड़ रुपए की ज़रूरत है.
रेलमंत्री के बजट पेश करने के दौरान और उनका भाषण खत्म होने के बाद संसद में काफ़ी हंगामा हुआ.
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